मेरा नाम शिवा है. मेरी उम्र 28 साल की है. मैं मुंबई में रहता हूँ.
यह घटना पिछले साल जून की है.
श्रावणी इंदौर में रहती थी और मैं मुंबई में. हम दोनों का प्रोफेशन एक होने की वजह से हमारी अक्सर बात होती रहती थी.
पहली बार श्रावणी से मेरी बात फ़ेसबुक पर हुई थी.
उस वक्त वह मुझसे ज्यादा बात नहीं कर रही थी, पर कुछ मुद्दों पर जब मेरी उससे बात हुई तो वह मुझसे काफी प्रभावित हुई.
ये मुद्दे हमारे प्रोफेशन को लेकर थे.
अब मेरी उससे जब-तब बात होने लगी. वह भी मुझसे बहुत अच्छे से बात करती थी.
इसी दौरान हम दोनों के फोन नंबर आपस में अदला बदली हुए और अब हाल यह हो गया था कि लगभग रोजाना ही हमारी बातें कॉल पर होने लगी थीं.
उन बातों में वह मुझसे काफी बिंदास होकर बात करती थी. हम दोनों सेक्स चैट भी करते थे.
वह मेरे साथ सेक्स करने की बात पर भी बिंदास कह देती थी कि कभी सामने से मिलोगे, तो कच्चा खा जाऊंगी.
मैं भी कह देता था कि मैं खुद को कच्चा खा जाने का इंतजार करूंगा.
इसी तरह से हम दोनों के बीच हंसी मजाक चलने लगा था.
उसकी बातों से ही मालूम हुआ था कि वह सेक्स कर चुकी है और उसे किसी के साथ भी सेक्स कर लेने में कोई ऐतराज नहीं है, बशर्ते वह मर्द उसे पसंद आना चाहिए.
फिर हुआ यूं कि पिछले साल मैं ऋषिकेश घूमने गया था. वहां जाकर मैंने श्रावणी को कॉल किया, तो समझो मेरी क़िस्मत खुल गई.
वह भी वहीं घूमने आई थी.
तब पहली बार हम दोनों झूला के पास मिले.
वह अपने एक कज़िन के साथ आई थी और मैं अपने दोस्त के साथ गया था.
हम दोनों पहली बार एक दूसरे को देख रहे थे, तो दोनों एक दूसरे को बहुत देर तक देखते ही रहे.
क्या जबरदस्त माल लग रही थी वह … उस दिन उसने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी.
उसका भरा हुआ बदन देख कर मन कर रहा था कि उसके चूचे पकड़ कर वहीं दबाना चालू कर दूँ.
वह हंस कर बोली- यूं देख रहे हो मानो तुम मुझे कच्चा खा जाओगे!
मैं समझ गया कि इसको कच्चा खा जाने वाली बात अब तक याद है और यदि मौका मिला तो इसकी चुदाई का मजा लिया जा सकता है.
फिर हम दोनों ने थोड़ी देर बातें की और एक साथ कुछ समय व्यतीत करने के बाद वह जाने लगी.
जाते समय मैंने उससे अगली सुबह राफ्टिंग पर चलने के लिए बोला.
पहले तो उसने मना कर दिया क्योंकि उसकी ट्रेन थी.
फिर मेरे दुबारा बोलने पर वह मान गई.
मैं बहुत खुश हुआ.
उस समय मैं उसे उसके होटल पर ड्रॉप करके अपने रूम पर आ गया.
हम दोनों रात भर बात करते रहे.
सुबह सात बजे हम मिले.
हम दोनों बहुत जोश में थे. मैं उसे लिवाने उसके होटल गया.
कार में हम दोनों पीछे बैठे हुए थे. उसका कज़िन और मेरा फ्रेंड आगे वाली सीट पर थे.
वह मेरा हाथ पकड़ कर बैठी हुई थी.
मैं पूरे रास्ते उसे देखते हुए आया.
फिर राफ्टिंग के लिए आ गए.
राफ्टिंग शुरू हो गई.
मैं बीच में पानी में कूद गया.
मुझे देख कर उसका कज़िन और मेरा दोस्त दोनों पानी में आ गए.
मैंने श्रावणी को भी आने के लिए कहा, तो वह मना करने लगी.
उसने मुझे अपने पास बुलाया और मेरा हाथ पकड़ कर वह भी पानी में आ गई.
अब हम सब मस्ती करने लगे, पर श्रावणी ने मेरा हाथ नहीं छोड़ा.
वह मुझसे चिपकी हुई थी.
मैं भी उससे पीछे से चिपक गया और हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे.
मैंने पानी में उसकी कमर पकड़ ली और उसे अपने साथ सटाने लगा.
वह सबको देखने लगी कि कोई क्या सोचेगा.
पर किसी को किसी की फिक्र ही नहीं थी, सब अपने अपने में खोए हुए थे.
वह मेरे साथ रगड़ सुख लेने लगी.
हम दोनों बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गए थे और हमारे बीच एक मूक सहमति बन गई थी.
हालांकि न मैंने उसे कुछ कहा और ना ही उसने.
फिर बाद में राफ्टिंग खत्म की तो हम सबके कपड़े भीग गए थे.
सबको कपड़े चेंज करने थे.
मैंने कहा- मैं अपने कमरे पर जाकर चेंज करके आता हूँ.
उसके कज़िन ने वहीं पर कपड़े चेंज कर लिए थे लेकिन श्रावणी वहां पर चेंज नहीं कर सकती थी और ना ही होटल जा सकती थी क्योंकि उसने चैक आउट कर दिया था.
फिर मैं उसे अपने रूम पर लेकर आया.
मैंने उससे कहा- मैं पहले जल्दी से चेंज करके बाहर चला जाता हूँ, फिर तुम आराम से रेडी हो जाना.
उसके बाद मैं बाथरूम में घुस गया और नहा कर एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गया.
श्रावणी मुझे घूर कर देखने लगी.
तब मैंने उससे बाल्कनी में जाने को बोला तो वह उठ कर जाने लगी.
तभी न जाने क्या हुआ कि उसने अचानक से मेरा हाथ पकड़ा और मुझे जोर से गले लगा लिया.
मैंने सिर्फ़ तौलिया बँधा हुआ था. उसके सारे कपड़े भीगे हुए थे.
हमने एक दूसरे को टाइट हग किया हुआ था.
उसके 34 के चूचे मेरे सीने से चिपके हुए थे.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे.
फिर अचानक से उसने मेरे होंठों पर किस करना चालू कर दिया.
मैंने भी अपना एक हाथ उसकी कमर पर और दूसरा उसकी गांड पर फेरना चालू कर दिया.
साथ ही मैं उसकी गर्दन पर किस भी करने लगा.
इस वजह से वह हद से ज़्यादा गर्म होने लगी और अपने होंठों को काटने लगी.
मैंने वासनावश उसकी टी-शर्ट उतार दी और ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने लगा.
उसने अपनी ब्रा उतार दी तो मैं उसे घूर कर देखने लगा.
मेरी काम पिपासु नजरों से वह शर्मा गई और उसने अपनी ब्रा मेरी आंखों पर बांध दी.
वह नीचे बैठ गई और मेरा तौलिया हटा कर मेरे लंड से खेलने लगी.
मैं अभी कुछ समझ पाता कि वह मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी.
अचानक से लंड को मुँह में ले लेने से मैं और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया.
उसका सिर पकड़ कर अपना पूरा लंड उसके गले तक उतारने लगा.
वह भी पागलों की तरह लंड चूस रही थी.
उसके इस तरह लंड चूसने से मैं उसका दीवाना हो गया.
कुछ देर बाद वह खड़ी हुई, तो मैंने उसकी शॉर्ट्स उतार दी और उसे बेड पर लेटा दिया.
हम दोनों वासना में इतना खो गए थे कि आस पास का कुछ होश ही न था.
मैंने उसकी पैंटी उतार कर दूर फेंक दी और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया.
वह काफी ज्यादा चुदासी हो गई थी और मेरे सर को अपनी टांगों में भींच कर चूत ऊपर उठाती हुई चुसवाने लगी थी.
कुछ ही देर में वह बोली- अब जल्दी से पेल दो.
मैं यही सुनने के लिए रुका था.
मैंने झट से पोजीशन बनाई और एक ही बार में अपना आधा लंड उसकी चूत में पेल दिया.
वह दर्द से छटपटाने लगी और मुझे दूर हटने के लिए बोलने लगी.
पर वह जितना चिल्ला रही थी, मुझे और ज्यादा मज़ा आ रहा था.
दूसरे झटके में मैंने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट कर किस करने लगा.
वह रोती हुई मुझे किस कर रही थी.
फिर जब धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा तो वह मुझसे मानो कुश्ती सी लड़ने लगी.
पूरे रूम में उसकी कामुक आवाजें आ रही थीं.
वह जोर जोर से चिल्लाने लगी- आह मुंबई … और जोर से चोदो … आह जोर जोर से चोदो … मैं कबसे तुमसे मिलना चाह रही थी … आह आज मेरा सपना पूरा हो गया … और जोर से चोदो मेरी जान … पूरा लंड अन्दर तक डालो!
ऐसा कहती हुई वह झड़ गई.
मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैंने उसे उल्टा लेटने को बोला और उसके ऊपर आकर पीछे से लंड उसकी चूत में डाल दिया.
अपने हाथ आगे बढ़ा कर मैंने उसके दोनों चूचों को पकड़ लिया और दबाते हुए चोदने लगा.
मेरे इस तरह से चोदने से उसे फिर दर्द होने लगा.
वह मुझे छोड़ने के लिए बोलने लगी.
मगर मैं भूखे शेर की तरह उसकी चूत फाड़ता रहा.
जल्द ही हम दोनों पुनः लय में आ गए और वह एक बार फिर से झड़ने वाली हो गई थी.
उसने झटक कर मुझे अपने नीचे कर दिया और मेरे ऊपर आकर पूरा लंड अपनी चूत में घुसवा कर बैठ गई.
वह जोर जोर से लंड पर अपनी चूत रगड़ने लगी और उसकी चूत ने जल्दी ही फिर से पानी छोड़ दिया.
पूरे कमरे में बस ठप ठप की आवाज़ और उसकी मदभरी सिसकारियां ही सुनाई दे रही थीं.
मेरा भी स्खलन होने वाला था तो मैं उसकी कमर पकड़ कर नीचे से गांड उठा कर उसे तेज तेज चोदने लगा और उसकी चूत में ही मैंने अपना पानी भर दिया.
फिर कुछ मिनट तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.
वह मेरे सीने पर ढलक कर सांसें नियंत्रित कर रही थी और मैं उसके चूतड़ों पर अपने हाथ फेर कर उसकी नर्म गांड का सुख ले रहा था.
मैंने कहा- तुम ज्यादा बार नहीं चुदी हो न!
वह हंस दी और बोली- मैंने अब तक सिर्फ एक बार ही सेक्स किया था, आज तुम दूसरे मर्द हो.
मैंने उसे चूमा और पूछा- मैं कैसा लगा!
वह उंगली के इशारे से बोली- बहुत टेस्टी और हार्ड!
मैं हंस दिया.
उसके बाद हम दोनों नहाने गए.
वह मुझे बड़े प्यार से नहला रही थी.
नहाते हुए ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैं उसे वहीं खड़े खड़े चोदने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
चुदाई के बाद हम दोनों नहा कर बाहर आए.
उसने कपड़े चेंज किए और हम एक दूसरे को किस करके बाहर निकलने लगे.
तभी मैंने उससे कहा कि एक बार फिर से लंड चूस दे यार … तू बहुत मस्त चूसती है.
वह तो जैसे मेरे बोलने का इंतजार ही कर रही थी.
उसने तुरंत मेरा लोवर नीचे किया और एक ही झटके में मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया.
वह जोर जोर से लंड चूसने लगी.
मुझे ऐसे लंड चुसवाने में बहुत मज़ा आता है.
थोड़ी देर बाद मैंने उसके मुँह में पूरा पानी निकाल दिया और उसने भी ऐतराज नहीं किया.
वह सारा रस पी गई और उसने मेरा लंड चूस चूस कर साफ कर दिया.
अब हम दोनों रेडी हुए और जहां पर मेरे फ्रेंड उसके कज़िन के साथ था, वहां पर आ गए.
थोड़ी देर बात होने के बाद उसने मुझे बताया कि उसकी एंगेज्मेंट हो गई है और तीन महीने बाद शादी है.
यह सुनकर मेरा तो जैसे दिल ही टूट गया.
मैं उसे स्टेशन तक छोड़ कर आया और वह अपने घर चली गई.
शादी से पहले और बाद में भी मैंने उसे चोदा.
आज भी मेरी उससे बात होती है.
हम दोनों बस मिलने का मौका ढूँढते हैं.
इसकी वजह से हमारी लाइफ में बहुत बड़ी प्राब्लम आ गई.
वह क्या प्राब्लम थी, उसे अगली बार इंडियन फक FB स्टोरी में बताऊंगा कि हमारे बीच और क्या क्या हुआ!