पत्नी कितनी खूबसूरत क्यों नहीं हो, सालों की जवानी पर जीजा का दिल ही जाता है। और जब सालियां भी थोड़ी नटखट हो तो मजेदार साली हिंदी सेक्स स्टोरीज बन जाती है.. एक चुड़क्कड़ सफर की शुरुआत- राज की शादी हुए 2 साल हो चुके थे। सोनाली नाम है उसकी बीबी का। राज का गरामेनट बनने की फ़ैक्ट्री है। उसके कारख़ाने में बने हुए लेडिज़ नैती बहुत लोकप्रिय है। कफी सेक्सी नैति बनता है। कभी-कभी अपनी फिक्र की बानी हुई नैती को ओवर कट छंट कर अपनी बीबी सोनाली के झूठ घर ले कर आ जाता था। सोनाली के गोरे और सुंदर बदन पर ये नैति काफी सेक्सी लगती थी।
उसे बदन पर नैती से ज्यादा उसका बदन झलकता था। राज भी चाहता था कि सोनाली जब चूहे को रम में ए तो उसे मखमली बदन को देखने के लिए झूठ ज्यादा तड़पना न पड़े। उसकी गोरी चिट्टी चुचिया उसकी नैती से झलक पड़ती थी। उपयोग देख कर राज का लंड फ़ान फ़ना जाता था..उर लंड उसे बदन से नैती के उतरानेका इंतज़ार करता था। राज कभी भी कन्डोम नहीं लगता था और इसिलिये सुहागरात को ही सोनाली गर्भावती हो गई थी…उसे बुरा उपयोग मासिक ही नहीं हुआ।
कहती थी कि जीजा और साली के बीच में ये सब चलता है .सोनाली, सौम्या और मानसी आपस में चाचेरी बहाने थी। Unaki umr me jyada pharak nahi tha. तीनो काफी गोरी और सेक्सी बदन की मालिक थी। मुझे कौन ज्यादा खुबसूरत है याह कहना काफी मुश्किल था। जब शाम को राज घर आया तो बेदर्दी से काफी अवाजे और हमसाने की अवाजे सुने दी। वो समझ गया कि सौम्या आ गई है।
उसका मन हिचकोले खाने लगा। क्यों नहीं आखिर उसकी सबसे सेक्सी साली जो थी .वैसे भी पिछले तीन महीने से उसके लंड को चूत नहीं मिली थी लेकिन उसे पूरा भरोसा था कि इस बार वो सौम्या की चूत चोद लेगा वो जैसा ही रम में घुसा तो देखा है कि उसकी साली एक नहीं दो -दो सलिया सोनाली के साथ बेद पर बैठ कर उसके द्वार लेई गई नैतायों को देख रही है।
राज सिद्ध सौम्या के पीछे जाकर उसकी आंखों को अपने हाथों से बंद कर अपने से चिपका लिया ..ऐसे ही उसका लंड भी खड़ा हो रहा था और वो सौम्या के पीठ पर तुका दिया था उसने दर्द के अंदर से..सौम्या कहने लगी, “ अरे क्या जीजा जी, बड़ी देर करादी घर अने में। आपको तो मालूम था कि हम लोग आज ही आने वाले हैं फिर भी देर से ए हो।
सोनाली प्रेग्नेंट है ओवर उसकी डेलीवरी का टाइम ए चूका था। सोनाली ने अपने पीहर फोन कराके अपनी चाचेरी बहन सौम्या को बुलाया था।
सौम्या अपनी एक दूसरी बहन मानसी के साथ अपने जीजी के घर पर आती है। मानसी को पेनटिंग करना पसंद था। वो अपनी पेनटिंग की प्रस्तुति लगाना चाहती थी इसीलिये सौम्या के साथ मुंबई चली ऐ। मानसी एक कुशल डांसर भी थी।
कलेज के फांक्शंस में जब वो डांस करती थी तो काई मनचलों के दिल की धड़कन बढ़ जया करती थी .सौम्या जब पिछली बार एक साल पहले जब अपने जीजी के घर ऐ थी तब सोनाली, राज और सौम्या काफी हंसी मज़ाक कर के अपना समय पास कर लिया कराटे. सौम्या अपने जीजा जी के काफी करीब हो गई थी। हालांकी उनके शरीरिक संबंध नहीं बने थे लेकिन अपनी जिजी के सामने राज से काफी लिपट कर रहती थी। अलिंगन ओउर चुम्बन तक ही संबंध कायम हो पे थे। अरे सोनाली भी उसे बुरा नहीं मानती थी।
राज ने पलट-ते हुए जबाब दिया, “साड़ी मेरी डार्लिंग।
थोडा अफ़िस में काम आ गया था इसलिए लेट हो गई। चलो अब हमें माफ़ कर दो ..ओर अपने लंड को अभी भी उसके पीठ से चिपकाए रखा..सौम्या भी थोड़ा पीछे झुक कर उसे और दबा रही थी .लंड झटके मार रहा था.सौम्या ने राज के हाथों को अपने हाथों में लेते हुए कहा, “चलो जाओ माफ किया।” आधी घरवालियाँ साली हिंदी सेक्स कहानियाँ लेकिन आपको भी हमारी जीजी का ध्यान रखना चाहिए। इस हाल में ज्यादा अकेले नहीं छोड़ना चाहिए। फिर राज मानसी को थोड़ा खिसाका कर वहियां बेद पर ही अपने झूठ जगह बना कर बोला, “क्या बात है?नैतियों की प्रस्तुति लगा रखी है।”
सौम्या ने एक नैती को उठाकर उसके बीच में से झांकते हुए बोली, “नहीं जीजा जी।” हम सब तो यह देख रहे हैं कि इन नैतियों को पहनने के बाद बदन पर नैती दिखती है या हमारा बदन . पुरा बदन उघड़ कर रख देती है यह नैतिया।
कहती थी कि जीजा और साली के बीच में ये सब चलता है .सोनाली, सौम्या और मानसी आपस में चाचेरी बहाने थी। Unaki umr me jyada pharak nahi tha. तीनो काफी गोरी और सेक्सी बदन की मालिक थी। मुझे कौन ज्यादा खुबसूरत है याह कहना काफी मुश्किल था। जब शाम को राज घर आया तो बेदर्दी से काफी अवाजे और हमसाने की अवाजे सुने दी। वो समझ गया कि सौम्या आ गई है।
उसका मन हिचकोले खाने लगा। क्यों नहीं आखिर उसकी सबसे सेक्सी साली जो थी .वैसे भी पिछले तीन महीने से उसके लंड को चूत नहीं मिली थी लेकिन उसे पूरा भरोसा था कि इस बार वो सौम्या की चूत चोद लेगा वो जैसा ही रम में घुसा तो देखा है कि उसकी साली एक नहीं दो -दो सलिया सोनाली के साथ बेद पर बैठ कर उसके द्वार लेई गई नैतायों को देख रही है।
राज सिद्ध सौम्या के पीछे जाकर उसकी आंखों को अपने हाथों से बंद कर अपने से चिपका लिया ..ऐसे ही उसका लंड भी खड़ा हो रहा था और वो सौम्या के पीठ पर तुका दिया था उसने दर्द के अंदर से..सौम्या कहने लगी, “ अरे क्या जीजा जी, बड़ी देर करादी घर अने में। आपको तो मालूम था कि हम लोग आज ही आने वाले हैं फिर भी देर से ए हो।
राज ने पलट-ते हुए जबाब दिया, “साड़ी मेरी डार्लिंग।
थोडा अफ़िस में काम आ गया था इसलिए लेट हो गई। चलो अब हमें माफ़ कर दो ..ओर अपने लंड को अभी भी उसके पीठ से चिपकाए रखा..सौम्या भी थोड़ा पीछे झुक कर उसे और दबा रही थी .लंड झटके मार रहा था.सौम्या ने राज के हाथों को अपने हाथों में लेते हुए कहा, “चलो जाओ माफ किया।” आधी घरवालियाँ साली हिंदी सेक्स कहानियाँ
लेकिन आपको भी हमारी जिजी का ध्यान रखना चाहिए। इस हाल में ज्यादा अकेले नहीं छोड़ना चाहिए। फिर राज मानसी को थोड़ा खिसाका कर वहियां बेद पर ही अपने झूठ जगह बना कर बोला, “क्या बात है?नैतियों की प्रस्तुति लगा रखी है।”
सौम्या ने एक नैती को उठाकर उसके बीच में से झांकते हुए बोली, “नहीं जीजा जी।” हम सब तो यह देख रहे हैं कि इन नैतियों को पहनने के बाद बदन पर नैती दिखती है या हमारा बदन . पुरा बदन उघड़ कर रख देती है यह नैतिया।
राज भी हाजिर-जवाब था. तूरंत बोल पड़ा, “जाओ इन्हें पहन कर आओ।”
हम भी जरा देखें कि हमारी नईती ज्यादा सेक्सी है या तुम्हारा बदन।” इसी तरह उनके बीच हंसी मजाक चल रहा था। तभी एक चुटकुले के बीच सोनाली को ज्यादा ही हंसी छूट गई। jyada hamsane se usake Darad uthane लगा। तो फोरुन सोनाली को ले कर वो तिनो हास्पिटल रावण हो गए। हमारे आधे घंटे के बुरे नर्सों ने एक लड़के के जन्म लेने की बधाई उनको दी। राज, सौम्या और मानसी तीनो ही लड़के के जन्म पर काफी खुश हुए।
और एक दूसरे को बधाईयां दी। फ़िर डॉ. कि इज्जत ले कर अंदर जा कर सोनाली को भी बधाई दी। चूहे को रुकने के नाम पर पहले डॉ. ने साफ मन कर दिया पर ज्यादा जोर देने पर डॉ. ने कहा, “चलो आज रात तो एक जन रुक सकता है लेकिन कल किसी को रुकने की इजाज़त नहीं दूंगी। खैर हमारी नर्स है जच्चा और बच्चा की देखाभल के झूठ।”एक रात के झूठ हन भरने पर सौम्या ने वहियां रुकने का इरादा बताया..असल में उसे लगा कि मानसी उसे रुकने नहीं देगी बल्कि खुद रुकेगी..वो जीजा जी के साथ घर जयेगी..ओर फ़िर जीजा जी ने उस दिन जो लंड उसकी पीठ में लगाया था उसे आज अपने मुँह में ओउर चूत में लेगी…लेकिन मानसी ने कुछ नहीं कहा..इसली सौम्या को हाय रुकना पड़ा। राज सौम्या को वहां रुकते देख थोड़ा मायुस हुवा क्योंकी वो आज रात सौम्या के साथ सेलिब्रेट करने का प्लान बना रहा था। आधी घरवालियाँ साली हिंदी सेक्स कहानियाँ लेकिन कुछ और कह कर मानसी को लेकर वापस घर की तरफ चल पड़ा। घर के आला मानसी को छोड़ हमें -से कहा कि मैं आधे घंटे में आता हूं .राज आधे घंटे बाद एक व्हिस्की की बोतल और एक शेम्पन की बोतल ले कर घर पर आ गया। लाइक करें चाबी से दरवाजा खोलो मानसी को आवाज दी। मानसी उस समय बथारुम में थी। बाथरुम से वापस जवाब दिया, “जीजा जी बाथरुम में नहा रही हूं। पन्द्रह -बिस मिनट में अति हुन ।”राज मानसी को बाथरुम में देख हाल में व्हिस्की की बोतल बर्फ ओउर ग्लास लेकर सोफ़ा पर ही पसर गया।
साथ ही वीसीडी प्लेयर चालू कर इरोटिक डांसर्स की एक सीडी चालू कर दी। सीडी में अंग्रेजी धुन के साथ काई लड़किया आधी से ज्यादा नंगी हो कर नाच रही थी। राज भी अंग्रेजी धुन के साथ बैठा-बैठा झूम रहा था। उसकी भूखी आंखें उन गोरी लड़कियों के बदन पर जमी हुई थी।
उन नाचती गोरी हसीनों के मम्मे उनाके कपडे से बाहर आने को बेचें थे। अपनी गोरी -गोरी जंघेन फैला कर अपनी छुपी हुई चूत का इजहार कर रही थी।
राज की आंखें उनकी जंघों के बीच चिपकी हुई थी। उसका भूखा लंड भी उनको नंगा देख बेचनी से अंदर ही अंदर मचल रहा था। बुखार तो होना ही था करण की डॉ. ने सोनाली के साथ सोने से पहले तीन महीने से ना कर रखा था जो .जब तक मानसी बाथरुम से ऐ तब तक राज दो पैग चढ़ चूका था। उसके आँखों में व्हिस्की का सुरूर चढ़ने लग गया था। मानसी ने अपनी जीजी सोनाली की एक नैती निकल कर पहन ली।
जब कांच से अपने बदन को देखा तो कुछ झेंप सी गई। बदन पर नैती तो थी फिर भी पूरा बदन साफ दिखाई दे रहा था। कांच में अपने बदन को गौर से देखने लगी। अपने दोनों हाथों से अपने चुन्चियों को सहलाने लगी और अपने निपल को चुटकी में भर कर दबने लगी। रम में बैठ कर चारो जब हंसी मज़ाक कर रहे थे तभी से हाय उसकी चूत में खलाबली मची हुई थी। नान-शाकाहारी। जोक्स से शुद्ध बदन में स्त्री पुरुष के संबंध की विवेचना चल रही थी। साथ ही जीजा जी का बराबर उसके गैलन पर चुम्बन उसको वासना की आग में जला रहा था।
मन ही मन जीजा जी के पसंद के पापा देने लगी। फिर भी उसने उसके ऊपर एक झिना गौं ओउर पहन लिया। राज ने कहा कुछ नहीं। आओ बैठो . मानसी वहियां खड़ी खड़ी बोली, “अकेले ही पियोगे या हमें भी कुछ चखने दोगे।” मानसी एक सांस में गिलास जितना था (आधे पैग से भी ज्यादा) गटक लिया ओवर लागी खानसाने।
अपना मुहं बिगाड़ते हुए बोली, “उफ, कैसी कड़वी है यह शराब।”राज हंसने लगा। फिर मानसी को अपने करीब खींच कर उसके होठों पर पड़ी शराब की कुछ बुंदों को चाट लिया और बोला, “हमें तो कदवी नहीं लगती। लगता है पहली बार इस्ट कर रही हो।”
मानसी की उखड़ी बिना थोड़ी शांत हुई तब बोली, “हा, पहली बार पी रही हूं। इसे पहले एक दो बार जरूर पी है।” फिर टीवी पर डांस देखने लगी। राज ने भी मानसी को अपने पास सोफ़ा पर बैठाकर एक-दो घूंट और पिला दिया। नशा जब हल्का हल्का चढ़ने लगा तो मानसी बोली, “क्या ऐसा डांस देख रहे हो।”
इससे अच्छा तो मैं नाच सकती हूं।” राज ने पहले सोचा था कि नशा होने की वजह से वो बोल रही होगी।
लेकिन दूसरी बार कहने पर उसने टीवी बैंड कर दिया, लेकिन बोला, “तो दिखाओ मेरी जान।” हम भी देखें तुम कितना अच्छा नाच सकती हो।”चैलेंज मन कर मानसी ने एक आदियो सीडी लगा कर नचना चालू कर दिया। आदियो सीडी रिमिक्स गाने की थी।
हमारा पहला गाना ही “कंटा लगा” था। मानसी कंठ लगा कि धुन पर नाचने लगी। इसी बिच जो झिना गौं पहनने हुए थी उसे निकाल कर राज की ओर उछाल फेंका। राज की सांसे ये सब देख कर भारी हो उठी। उसके शुद्ध शरीर में वासना की लहरें हिलोरे मर रही थीं। लंड उत्तेजाना से पागल हो रहा था। शुद्ध बदन में लहु सं -सं -सं कराके दोउड रहा था। अपने लंड को किसी तरह से उसने दबा रखा था.. मानसी का बदन कहियाँ से भी शांत नहीं था। उसका जलवा अपने शुद्ध उफान पर था। कभी नाजादिक एकर तो कभी डर से ही राज को अपने बदन की नुमाइश कर के उकासा रही थी। शराब और शबाब अपने पूरी रवानी पर था। शुद्ध हाल में जोर जोर से उठ बैठ रही सांसे म्युजिक से ताल से ताल मिल रही थी। मानसी धुन के साथ अपनी ताल मेल बैठा कर राज को बेकाबू करने में लगी थी। राज भी बेकाबू हो कर अपने सुख रहे होठों पर जिभ बार बार सहारा रहा था।
मानसी की भारी-भरी छतियां उछल-उछल कर राज को निमंत्रण दे रही थी कि आओ मुझे दबाओ लो। उसकी मस्त जंग हाथी की सुनंद की तरह झूम रही थी। कभी फैला कर तो कभी सिकोड़ कर अपनी चूत को दिखा ओवर छुपा रही थी। पिछे घुम कर अपने चूतड मटका कर नच कर राज के लंड को उसने शायद एक इंच ज्यादा लम्बा कर दिया और मोती की तो बात ही क्या थी। वाह बेकबू हो चूका था.. तभी राज सोफ़े से उठ कर मानसी के पास जा ही रहा था कि मानसी ने उसे वापस ढकेल कर सोफ़े पर वापस बैठा दिया, अपने भगवान पर रख कर उसके लंड को रगड़ने लगी। एकदम बउखला गया। राज के बदन का सारा लहू मानो इस वक्त उसके लौड़े में समाया हुआ था। उसने अपने दोनों हाथों से मानसी के कबूतरों को पकड़ लिया। भारी-भारी दोनों उरोज राज के हाथों में भी नहीं समा रहे थे।
चिकनी नैती की वजह से दोनों कबूतरों पर से उसके हाथ फिसल रहे थे। मानसी के कबूतर शिकारी को इतना नजादिक देख कर फड़फड़ाने लगे। वो अपने सीने को अपने कंधे पीछे की ओर कराके उम्र तन रही थी। जिसे उसके भारापुर मस्त उरोज ओउर एज एकर इस समा को ओउर रंगीन बना रहे थे।
राज ने पागल होते हुए उसकी नैती को उरोजो के सामने से पकड़ कर फाड़ दिया और उसके चूंचियों को अपने हाथों में लेकर तौलने लगा। फिर उसके डोनन घुंडियों को अमगुली के बीच में लेकर जोर से मसल दिया। हाल में पहुंची तो उसकी एजी और बढ़ गई। टीवी में पागल धुन के साथ नाच रही अंग्रेजी मेमो को अपने बदन पर से बचे खुचे कपडे उतार कर फेंकते हुए देख उसके दिल की धड़कन और बढ़ गई।
ख़ौद एक अच्छी डांसर तो वो थी ही। पीछे से एकर अपना चेहरा जीजा जी के लड़की से चिपक कर बोली, “बोलो क्या बोल रहे थे।” मानसी के मुंह से सिस्कारी निकल गई। “उइ.इ.इ.इ.इ यार अ.अ.अ.अ….स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स.स. धीरे से ।”राज अब आराम से उसकी चुचियों को सहलाने लगा। मानसी अपने चुटद की रगड़ाई चालू राखी थी। राज के लंड को काफी दिनों से दिक्कत हो रही थी। फ़िर हाँ तो साली की चूत।
नशा शराब के साथ शबाब का दबाव हो रहा था। उसे नशीले बदन को अपनी बाहों में समेट कर इस रागदाई को रोक कर अपनी अनियंत्रित हो रही सांसों को समेटने में लगा। मानसी के शरीर को सामने कर उसके रसीले होठों को चूमने लगा। उसके होठों के रस को पिकर वो और अधिक परेशान हो गया।, उम्र की कहानी पढ़ने के लिए इसके अगले भाग पर जाएं।