मानसी के गुलाब की पंखुड़ियां जैसे नाज़ुक होठों को अपने होठों से दबाने लगा। अपनी जिभ को मानसी की जिभ से टोकरा रहा था दोनों की जिभन पेंच लाडा रही थी ओवर हैथ उसके डोनन कबूतरों को अपने में समेटे हुए धीरे धीरे मसल रहे थे ओवर मानसी के मुंह से अहा..ओहा..उफा..एस.एस.एस.एस.एस.एस…जीजा जी ..अई..ल वी ..यू…ओओहा..जैसी मदक सिस्कारी निकल रही थी.राज होठों से अपने होठों को छुड़ा कर अपनी जिह्वा को मानसी के चूंचियों की तरफ ले आया। “उफ़ क्या कयामत है,” ऐसे कहते हुए अपनी जीभ से उसकी गुलाबी चुचियों को चाटने लगा। अपनी साली की चुचिया अपनी इतानी नजादिक देख राज और पागल होने लगा। उसके होठों को अमृत का स्वाद मिल रहा था।
अपनी गिली जिभ से ऊपर से ऊपर से ऊपर से ऊपर से ऊपर से ऊपर घुंडियों को चटाने में लग गया। कभी-कभी गोल गोल जिभ फिराने लगा..घुंडियां सख्त होने लगी, लेकिन उसके कुछ दिन बाद उसकी जिभ बार फिसलाने लगी।
फिर अपनी अंगुलियों से निपल को पकड़ लिया और लगा मसलने मानसी के सिस्कारियो की आवाज तेज होने लगी..अहहा.. उफा..श श श .स..स…स..आई..आई.आई.आई.ईई…जीजा जी …ओर करो..अच्छा..लगा..रहा..है…उह यार..मानसी के मुँह से सिस्कारी निकल रही थी।
उसके डोनोन उरोज भारी हो चुके थे। उसकी सांसे जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी। “उउर जोर जोर से मेरी चूची.. को.. मसलो.,. बहुता.. माज़ा.. ए. .रहा..है…तुम्हारे..हठ…मैं..जादू. ..है…. इधर… तुम… मेरी.. चूची.. को.. दबा.. रहे.. हो. ओरा… उधारा… मेरी चूत पानी छोड़ रही है, “मानसी बेकबू हो कर बदबादाने लगी ओवर वो राज के लंड के ऊपर कसमसाने लगी थी..दोनो निपल कड़क हो कर राज के मुँह में जाने को उतावले थे।
फिर बेकाबू हो कर चीख पड़ी, “चूसो इसे। इसे अपने मुँह में लो. मेरे निपल को अपने होठों से दबाया। .ऐसे ही चूसो ओ ओ..उसने अपनी चुचियों को उसके मुँह में दबा दिया…”हाँ… हाँ… जीजा जी…।
ऐसे ही चूसो….देखो मेरे निपल्स की खुजली मिटा दो, “मानसी अपनी चाहत छुपा नहीं पाई।” “उउउफफफ्फ़ … आ … ह्ह्ह … अ अ. ..ह .हा.हा.हा.हा. प्लीज थोड़ा धीरे… कातो…ना… यू ..यू यू आई ओवर जोर से चूसो मेरे चूंचियों को। . ऐसा कैसे कर अलिंगन किया कि मानसी के मुंह से चीख निकल पड़ी। मानसी का बदन राज की बाहों में समा गया। राज उसके जिस्म को अपनी बाहों में लेकर दबाने लगा।
उसके बदन को अपने बदन से रगड़ने लगा। अपने गैलन से मानसी के चिकने गैलन को, अपने मजेबुत साइन से उसे कड़क कबूतरों को, अपने लंड से उसकी छुपी हुई चुत को और अपने जंघोन से उसकी चिकनी जंघोन को रगड़ कर डोनन एक -दुसरे की बन्होन में झुमने लगे।” जब तुम्हारी चूंची इतानी खुबासुरात है तो चुत तो और भी खुबासुरात होगी, “कहकर राज उसे बदन पर लिपती नैती के बाकी हिस्स को भी फाड़ने लगा .लेकिन मानसी उसे रोकते हुए कहा, “उफफफ…इतने बेकाबू क्यों हो रहे हो। पहले मुझे अपना झुन झुना तो दिखाओ। मुझे भी उससे खेलना है।
मानसी का बदन राज की बाहों में समा गया। राज उसके जिस्म को अपनी बाहों में लेकर दबाने लगा। उसके बदन को अपने बदन से रगड़ने लगा। अपने गैलन से मानसी के चिकने गैलन को, अपने मजेबुत साइन से उसे कड़क कबूतरों को, अपने लंड से उसकी छुपी हुई चुत को और अपने जंघोन से उसकी चिकनी जंघोन को रगड़ कर एक-दूसरे की बाहों में झुमने लगे।
राज ने उसे डोनन कबूतरों को सहलते हुए अपनी दर्द को खत्म करने के लिए प्रेरित किया ताकि लंड को बाहर निकाला जा सके। उसका फूला हुआ लंड अमरावियार में मचल रहा था। अमरावियार तंबू बन चूका था। मानसी ने अपने हाथों से उसे पुचाकर शांत करने की कोशिश की। जब लंड ज्यादा ही मचाने लगा तो अपने होठों से राज के लोड़े को अमरावियार के साथ ही दबा लिया।
अब बारी थी राज के सिस्काराने की। तिन माहिने मुझे डॉ. के ना करने के कारण वो अपनी बीबी, सोनाली, को चोद नहीं पाया था लेकिन यादा -कड़ा सोनाली अपने हाथ से राज के लंड को मसल जरूर देती थी .मानसी उसके लंड को अमरावियार के ऊपर से चाटने लगी और बोल उठी..” जीजा जी ..क्या मस्त खिलौना है..कितना लंबा और मोटा…मेरी चूत को फाड़ डालोगे आजा..लगता है..कुंवारी साली की चूत है..जरा प्यार से करना प्लीज..लंद फुल कर एक दम भड़क उठा “कुंवारी” chut chodane ke khiyal se hi राज जोश में आ गया.. तभी मानसी ने झटके से अमरवियर खींच कर नीचे खिसका दिया। राज का लंड एक दम तन कर मानसी के मुँह के सामने नाचने लगा। “उफ़… क्या मोटा लंड है तुम्हारा जीजा जी,” कह कर अपने हाथों में समेट लिया मानसी ने .लेकिन लंड पूरा का पूरा हाथों में आया कहां था। मोटे के साथ-साथ पूरा 8” का लंड था राज का .. लंड का सुपाड़ा भुक्कड़ की तरह मानसी का चेहरा देख रहा था।
मानसी ने लंड को अपने हाथों में लेकर उसकी चामड़ी को ऊपर -नीचे करने लगी। “सच तुम्हारा लंड तो बहुत लम्बा ओवर मोता एच